आज पूरी दुनिया में कागज़ का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन क्या आप कागज़ के इतिहास के बारे में जानते हैं कि कागज़ का आविष्कार किसने, कब और कैसे किया.
आज कागज़ के बिना हमारे कई सारे काम अधूरे हैं। ऑफिस के कामों से लेकर सरकारी और कानूनी काम कागज़ के बिना पूरे किए ही नहीं जा सकते हैं। बच्चों को भी पढ़ाई के कागज़ की जरूरत पड़ती है। आपको बता दें कि कागज़ को बनाने में घास, फूंस, लकड़ी, कच्चे माल, सेलुलोज़ आधारित उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता है।
सबसे पहले चीन में ही कागज़ का इस्तेमाल किया गया था। कागज का आविष्कार करने वाले शख्स का नाम है त्साई लुन जो चीन के रहने वाले थे। उन्होंने 202 ई. पू. में हान राजवंस के समय में कागज़ का आविष्कार किया था।
त्साई लुन द्वारा किए गए कागज़ के आविष्कार से पहले लेखन के लिए बांस या रेशम के टुकड़े का प्रयोग किया जाता था लेकिन इसमें परेशानी ये थी कि रेशम काफी महंगा था और बांस बहुत भारी हुआ करता था।
इसके बाद त्साई लुन ने ऐसा कागज़ बनाने की सोची जो सस्ता हो और जिस पर लिखना भी आसान हो। उस समय लुन ने भांग, शहतूत, पेड़ की छाल और अन्य तरह के रेशों की मदद से कागज़ का निर्माण किया था। ये कागज़ चमकीला, मुलायम, लचीला और चिकना होता था। इसके बाद कागज़ का इस्तेमाल धीरे-धीरे पूरी दुनिया में होने लगा। इस उपयोग आविष्कार के कारण ही साई लुन को कागज़ का संत कहा जाने लगा।

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